महिलाओं के मुकाबले पुरुष डॉक्टरों के पास कम जाते हैं. बहुत सारे मामलों में तो वे बीमारियों के लक्षणों को भी गंभीरता से नहीं लेते. इससे वे महिलाओं की तुलना में कम सेहतमंद जिंदगी जीते हैं. इसका नतीजा यह होता है कि डाइबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों का पता चलते-चलते बहुत देर हो जाती है.