बैंकॉक को हरा भरा बनाने के लिए पॉकेट पार्क
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक कंक्रीट की इमारतों और विशाल राजमार्गों से भरी हुई है. लोगों को हरियाली के पास लाने के लिए खाली जगहों में पार्क बनाने की कवायद शुरू हुई है. इन्हें पॉकेट पार्क कहा जा रहा है.
40-50 पार्क बनेंगे
बैंकॉक में रहने वाले लोग शहर में हरियाली बहुत कम होने की अकसर शिकायत करते हैं. बैंकॉक के गवर्नर चाडचार्ट सिट्टिपुंत ने इसको बदलने की कोशिश की है. बैंकॉक मेट्रोपोलिटन एडमिनिस्ट्रेशन (बीएमए) ने 40-50 छोटे पार्क बनाने की घोषणा की है.
पॉकेट पार्क
बैंकॉक को उसकी नहरों के कारण "दक्षिण-पूर्व एशिया का वेनिस" कहा जाता था. हालांकि शहर की 1.1 करोड़ की आबादी अब ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक जगहों की कमी से जूझ रही है. यहां अभी 40 पार्क हैं, लेकिन प्रशासन इस संख्या को दोगुना करना चाहता है. बड़े पार्क बनाने की जगह है नहीं इसलिए जहां कहीं भी खाली जगह है, उसे आम लोगों के सहयोग से पार्क में बदला जा रहा है. इसे पॉकेट पार्क नाम दिया गया है.
कसरत के लिए जगह
बीएमए के प्रवक्ता, एकवारुण्यो अम्रपाला का कहना है कि बैंकॉक एक बड़ा शहर है और वह यहां कुछ हरियाली भी रखना चाहते हैं. नए पार्क लोगों को टहलने, खेलने और हरियाली में वक्त बिताने का मौका देंगे.
हरियाली की कमी
लगभग 100 साल पुराना लुम्पहिनी पार्क शहर का सबसे बड़ा पार्क है. आधिकारिक तौर पर, शहर में प्रति व्यक्ति हरियाली का अनुपात 7.6 वर्ग मीटर, हालांकि कुछ स्रोतों का अनुमान है कि वास्तविक अनुपात 1.47 वर्ग मीटर ही है. यह डब्ल्यूएचओ के सुझाए 9 वर्ग मीटर के न्यूनतम अनुपात से काफी कम है.
खुद के लिए समय
बैंकॉक में रहने वाले लोग अक्सर ऐसे समय में काम खत्म करते हैं जब सड़कों पर भारी भीड़ होती है. ये पॉकेट पार्क उनको हरियाली के साथ थोड़ा समय गुजारने का वक्त देंगे और ट्रैफिक के झंझट से भी दूर रखेंगे.
गर्मी से राहत
बैंकॉक के निवासियों के लिए एक और समस्या अधिक गर्मी और लगातार खराब मौसम की स्थितियां है. एयर कंडीशन वाली इमारतें या शॉपिंग मॉल गर्मी से बचने का एक तरीका हैं, लेकिन हर कोई, हर वक्त इनमें नहीं रह सकता. यह "पॉकेट पार्क" हर किसी के लिए एक सहज विकल्प है.